अमेरिकी ‘थाड’ पर भारी रूस का S-400 मिसाइल सिस्टम, ऐसे बढ़ेगी भारत की ताकत

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को भारत दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर भारत और रूस के बीच करार होने की संभावना है. अमेरिका इस डील के खिलाफ है क्योंकि वह चाहता है कि भारत S-400 की जगह उसका बनाया थाड (THAAD-टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम खरीदे. भारत पर वह लगातार दबाव भी बनाता रहा है लेकिन थाड की डील नहीं हुई और एक-दो दिन के अंदर S-400 पर बात बन जाएगी. आइए जानते हैं कि भारत क्यों थाड के बदले रूस निर्मित S-400 खरीदने जा रहा है.(फोटो-रॉयटर्स)

एस-400 और थाड दोनों एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली हैं लेकिन दोनों की मारक क्षमता में काफी अंतर है. S-400 300 किलोमीटर की रेंज तक मार कर सकता है. यह ‘फायर एंड फॉरगेट’ की नीति पर काम करता है. S-400 जहां कई स्तर के डिफेंस सिस्टम पर काम करता है, तो थाड सिंगल लेयर डिफेंस प्रणाली है. (फोटो-रॉयटर्स)

थाड जहां 3 हजार मीटर प्रति सेकेंड की गति से आते खतरों को भेद सकता है, तो S-400 4,800 मीटर प्रति सेकेंड वाले टारगेट को आसानी से तबाह कर सकता है. S-400 ट्रंफ मिसाइल एक साथ 100 हवाई खतरों को भांप सकता है और अमेरिका निर्मित एफ-35 जैसे 6 लड़ाकू विमानों को एक साथ दाग सकता है.(फोटो-रॉयटर्स)

S-400 लगभग 400 किमी के दायरे में किसी भी विमान, मिसाइल और ड्रोन को नष्ट कर सकता है. इसकी मारक क्षमता अचूक है क्योंकि यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है. जबकि अमेरिकी थाड ऐसा एंटी मिसाइल सिस्टम है जो खतरे को भेदने से ज्यादा अपने लड़ाकू विमानों की सुरक्षा में ज्यादा प्रयोग होता है.(फोटो-रॉयटर्स)

S-400 एक साथ 36 जगहों पर निशाना लगा सकता है. इसके अलावा इसमें स्टैंड-ऑफ जैमर एयरक्राफ्ट, एयरबोर्न वॉर्निंग और कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट है. यह बैलिस्टिक और क्रूज दोनों मिसाइलों को बीच में ही नष्ट कर सकता है, जबकि थाड में एक ही प्रकार का मिसाइल सिस्टम होता है जो किसी एक दिशा में निशाना साधता है.अमेरिकी थाड डिफेंस सिस्टम कोई विस्फोटक वॉरहेड रॉकेट नहीं है. दरअसल थाड टारगेट को निशाना बनाता है न कि उसमें विस्फोट कर उसे तबाह करता है. जबकि S-400 के जरिए एक साथ तीन मिसाइल छोड़ी जा सकती है. एक चरण में कुल 72 मिसाइलें शामिल रहती हैं. यह एक साथ कई लक्ष्यों पर वार कर सकता है. (फोटो-रॉयटर्स)

S-400 रोड मोबाइल है और इसके बारे में कहा जाता है कि आदेश मिलते ही पांच से 10 मिनट के भीतर इसे तैनात किया जा सकता है. S-400 की रेंज 150 किमी है, जबकि थाड मात्र 30 किमी तक मार करता है. S-400 360 डिग्री के दायरे में स्कैन कर निशाने को भेद सकता है, जबकि थाड 90 डिग्री होरिजोंटल और 60 डिग्री वर्टिकल स्वीप पर काम करता है.दोनों मिसाइल सिस्टम की कीमतों की तुलना करें, तो 6 लॉन्चर और 8 इंटरसेप्टर के साथ एक थाड की कीमत 2-3 अरब डॉलर है, जबकि S-400 8 लॉन्चर और चार इंटरसेप्टर के साथ 500 मिलियन डॉलर में खरीदा जा सकता है. कुल मिलाकर S-400 थाड की तुलना में 6 गुना सस्ता है. (फोटो-रॉयटर्स)

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