आइये जानते हैं स्वच्छता अभियान की असलियत..

(रेशमा ख़ातून/मिथिलांचल न्यूज़ डेस्क):-सही दिशा में किया गया प्रयास ही सही फल देता है , यदि प्रयास ग़लत दिशा में किया जाए तो वह कभी भी फलदायी नहीं होगा !
स्वच्छ भारत अभियान में ना जाने अब तक कितने करोड़ों रूपय ख़र्च हुए , कितने फ़िल्म स्टार , बड़े-बड़े उधोगपति और दिग्गज नेताओं ने बढ़-चढ़ कर अपनी सफ़ाई का हुनर दिखाया ,

देखा-देखी जनता में से भी कुछ ख़ास लोगों ने सफ़ाई अभियान में अपने हाथ साफ़ किए , इसके बाद कुछ आम लोगों के ग्रुप , संगठन , स्कूल और कॉलेजों के छात्रों ने भी इस अभियान में भाग लिया !

नतीजे सबके सामने हैं , इन बेचारों की मेहनत और अथक प्रयास ने भी उत्तर दिया ” ज़ीरो बटे सन्नाटा !”
पर एैसा हुआ क्यों ?
अगर किसी ने इस ओर ज़रा भी ध्यान दिया होता तो ना आज भी यूं सड़कें कूड़ों- कचरों से भरी मिलतीं और ना ही देश की स्वच्छता पर प्रश्न उठता !
सबसे बड़ा प्रश्न ये कि
क्या किसी के एक दिन सफ़ाई कर देने से ही रोज़ाना सड़कें और गलियाँ स्वयं ही साफ़ हो जाएंगी , प्रश्न ये कि

यदि झाड़ू लेकर लोग ख़ुद ही सड़कें और गलियाँ साफ़ करें तो नगर निगम किस काम का , तब तो इनकी सैलरी में उस हर शख़्स का हिस्सा बनता है जिसने सफ़ाई अभियान में भाग लिया है !
सफ़ाई अभियान यदि इसी दिशा से चलता रहा तो इसकी दशा कभी नहीं सुधारने वाली !
अब प्रश्न ये उठता है कि आख़िर हमारा भारत स्वच्छ हो तो कैसे हो ?
गाँधी जी ने कहा था कि किसी भी योजना की शुरुआत गाँव से होनी चाहिए !
तो क्या स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के सभी गाँवों को इससे जोड़ा गया है ?
सरकारी कर्मचारी कहेंगे कि ये इतना आसान नहीं , पर ये शब्द केवल टाल- मटोल करने वाले बहाने हैं !
यदि सच्ची चाह होगी तो ही सब आसान होता है !
केंद्र से सभी राज्यों में , राज्य के सभी वार्डों को और वार्डों से आम लोगों तक सभी को यदि सही निर्देश दिए जायें तो सब सही ढंग से होगा !
सफ़ाई कर्मचारियों का काम है सड़कों और गलियों में झाड़ू लगाना , घरों से कूड़ा लेना , गलियों और सड़कों पर से कूड़ा उठाना !
पर इन सारे काम को करने के बाद लोग गलियों और सड़कों पर चॉकलेट-चिप्स और विभिन्न प्रोडक्ट के रैपर , प्लास्टिक बोतलें , फलों के छिलके , कूड़े इत्यादि फेंकते रहें तो क्या भारत जैसे विशाल देश जिसकी आबादी इतनी घनी है कभी भी साफ़ और स्वच्छ दिख सकेगा !
लोगों में जागरूकता सफ़ाई करने की नहीं बल्कि कूड़ा-कचरा सड़कों पर ना फेंक कर केवल डस्टबिन में डालने की होनी चाहिए !

यदि लोग कचरा डस्टबिन में डालेंगे तो यही सफ़ाई अभियान में उनका बड़ा योगदान होगा !
बुज़ुर्ग , जवान और बच्चों सभी का योगदान इसमें ज़रूरी है तभी बनेगा हमारा भारत स्वच्छ और सुंदर !!

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