केंद्र और प्रसार भारती के बीच किन बिंदुओं पर तकरार..पढ़े पूरी खबर..

Smachar4media:केंद्र सरकार और प्रसार भारती के बीच स्थित सामान्य नहीं है। दोनों के बीच कदम ताल मिलाकर चलने जैसी कोई स्थित भी नजर नहीं आ रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड के संपादकीय में इस स्थित को उजागर किया गया है और बताया गया है कि दोनों के बीच सत्ता संघर्ष जैसा कुछ घटित हो रहा है। वैसे तो प्रसार भारती और उसकी निगरानी में चलने वाले चैनल तकनीकी तौर पर केंद्र सरकार से पूरी तरह स्वतंत्र हैं, लेकिन आम धारणा इसके उलट है। बिजनेस स्टैंडर्ड में छपे संपादकीय को यहां पढ़कर आप दोनों के बीच की स्थित को भांप सकते हैं-

प्रसार भारती का संकट

सरकारी नियंत्रण वाली प्रसारण संस्था प्रसार भारती इन दिनों संकट के दौर से गुजर रही है। हाल की घटनाएं इस बात की ओर मजबूती से संकेत करती हैं कि प्रसार भारती बोर्ड और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के बीच सत्ता संघर्ष जैसा कुछ घटित हो रहा है। यह सच है कि इस संघर्ष में कोई बराबरी नहीं है। प्रसार भारती और उसकी निगरानी में चलने वाले चैनल तकनीकी तौर पर केंद्र सरकार से पूरी तरह स्वतंत्र हैं। यह बात और है कि इनके बारे में आम धारणा इसके उलट है। बहरहाल, अतीत में स्वतंत्रता या कम से कम बेहतर स्वायत्तता से जुड़े कदमों का स्वागत भी किया गया। प्रसार भारती अधिनियम के तहत बोर्ड को अधिकार संपन्न बनाना भी ऐसा ही कदम था। बोर्ड ने गत सप्ताह एक चौंकाने वाले और अवज्ञाकारी कदम में दावा किया कि उसने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उस निर्देश पर आपत्ति व्यक्त की जिसमें उसने उसे दूरदर्शन और आकाशवाणी के अनुबंधित कर्मचारियों को सेवा से मुक्त करने का आदेश दिया था।