कौन निभा रहा ज़िम्मेदारी , सुरक्षा का ज़िम्मा किस पर !

रेशमा ख़ातून:-भारत एक विशाल देश है , जिसकी सुरक्षा का ज़िम्मा सुरक्षा सैनिकों के हाथ में होता है !
जल , थल और वायु इन भागों में हमारी सेना डटी रहती है , बिना रूके , अपनी भूख प्यास को अनदेखा करते हुए , ज़रूरत पड़ने पर अपनी जान तक देश पर , देश के लोगों की हिफ़ाज़त के लिए नियोछावर कर देने वाली हमारे देश की हमारी सेना !
हर किसी को इसमें शामिल होने का मौका कहां मिलता है , जिसे ये मौका मिला उसका सीना पहले से भी कहीं ज़्यादा चौड़ा हो जाता है , हो भी क्यों ना ,इसमें शामिल हो चुका बूढ़ा भी जवान कहलाता है !
देश की सरहद पर जवान डटे रहते हैं कि देश का अहित ना होने पाए , उसी तरह जर्नलिस्ट का भी यही काम है कि देश के आंतरिक मामलों को कुछ इस तरह से सही रूप में पेश करे कि देश की जनता का और देश का अहित ना हो !

जर्नलिस्ट वह प्राणी है जो देश के अंदर आम लोगों के बीच रहकर एक सैनिक की तरह बिना रूके , अपनी भूख- प्यास को अनदेखा करते हुए , ज़रूरत पड़ने पर अपनी जान की चिंता छोड़कर , सही ख़बर पाने , छापने और दिखाने के लिए जान की बाज़ी लगा देता है ! ताकि देश को देश के लोगों को सही बात का पता चल पाए , देश की जनता को धोखे से बचाए और किसी का अहित ना होने पाए !
यहाँ तक कि यदि किसी सैनिक को भी इंसाफ़ चाहिए हो तो जर्नलिस्ट ही ये ख़बर हर पदासीन व्यक्ति तक पहुँचाने का भरसक प्रयास करता है , उसके लिए इंसाफ़ की मांग करके उसकी मदद करता है !
जर्नलिस्ट का काम सैनिक जैसा ही है !
इसलिए मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति को इस काम को पुरी इज़्ज़त देनी चाहिए और अपने इस काम को पुरी इमानदारी के साथ निभाना चाहिए , अपने बोले और लिखे गए शब्दों को स्वयं जांचें-परखें कि क्या ये देश के संविधान और संप्रभुता के अनुरूप है !
मीडिया हमारे लोकतंत्र का चौथा खंभा कहलाता है ! मीडिया से जुड़े सभी महानुभवों का ये फ़र्ज़ है कि वह इस खंभे को हर तरह से पुरी मज़बूती प्रदान करें ! तभी हमारा देश भी मज़बूत होगा !
जय भारत , जय हिंद !!