क्या आप जानते है! ६ लोग मिल कर तैयार करते है पी.एम का भाषण..

समाचार4मीडिया: दैनिक भास्कर के पत्रकार संतोष कुमार और पीयूष बबेले की एक एक्सक्लूसिव स्टोरी प्रकाशित की गई हैं उन्होंने जांच पड़ताल कर बताया कि कई मौकों पर प्रधानमंत्री मोदी विरोधियों के खिलाफ जिन तीखे जुमले का प्रयोग करते हैं, ऐसे जुमले वे लाते कहां से हैं। दैनिक भास्कर की ये एक्सक्लूसिव स्टोरी आप यहां भी पढ़ सकते हैं-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बेंगलुरु की चुनावी रैली में एक नया जुमला टॉप (TOP)’ उछाला था। इसका मतलब है टमाटर, ऑनियन और पोटैटो। दरअसल, टॉप टमाटर, ऑनियन और पोटैटो का एक्रोनिम (शब्दों के प्रथम अक्षरों से बना शब्द) है। पीएम इससे पहले भी कई मौकों पर विरोधियों के खिलाफ तीखे जुमले का प्रयोग कर चुके हैं। मजेदार बात यह है कि उनके जुमले लोगों की जुबां पर चढ़ जाते हैं। दैनिक भास्कर ने इसकी पड़ताल की कि मोदी ऐसे जुमले लाते कहां से हैं। पता चला कि पीएम की एक निजी टीम है, जो काफी रिसर्च के बाद ऐसे एक्रोनिम्स गढ़ती है।

कौन हैं इस टीम में?

1) जगदीश ठक्कर, पीआरओ

पीएम के पीआरओ हैं। मोदी जब सीएम थे, तब भी ठक्कर उनके पीआरओ थे। मोदी के काफी नजदीकी और भरोसेमंद लोगो में शुमार हैं।

2) यश गांधी और नीरव के. शाह

दोनों गुजराती हैं और पीएमओ में रिसर्च ऑफिसर हैं। यश गांधी और नीरव के शाह पीएम के भाषणों से लेकर सभी विषयों पर रिसर्च इनपुट मुहैया कराते हैं। पीएम के ट्विटर और फेसबुक को यही दोनों देखते हैं।

3) हिरेन जोशी (ओएसडी-आईटी)

– राजस्थान विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक-कम्युनिकेशन के प्रोफेसर। मोदी के सोशल मीडिया का जायका बखूबी समझते हैं। ऐसी तैयारी करते हैं कि कम शब्दों में वो सारी बातें सोशल मीडिया में पहुंच जाएं, जो मोदी चाहते हैं। सरकारी योजनाओं के नामकरण में भी जोशी की भूमिका रहती है। एक योजना को उन्होंने ऐसा नाम दिया जिसमें भाजपा-पीएम दोनों शामिल हैं। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना यानी पीएमबीजेपी।

4) प्रतीक दोषी (ओएसडी- रिसर्च एंड स्ट्रैटजी)

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से पढ़े हैं। 2007 में मोदी से जुड़े। मोदी सरकार के स्ट्रैटजिक इनिशिएटिव के लिए काम करते हैं। मोदी के भाषणों के लिए रिसर्च भी करते हैं।

5) आशुतोष नारायण सिंह- ओएसडी हैं, पहले मीडिया कर्मी थे। अभी पीएम कोर टीम में है। पीएम को ऐसे बिंदु देते हैं, जो जनता से जुड़े होते हैं और सुर्खियां बटोरते हैं।

जुबां पर चढ़ने वाले पीएम के मशहूर एक्रोनिम

– GST: गुड एंड सिंपल टैक्स और ग्रोइंग स्ट्रॉन्गर टुगेदर कहा।

– SCAM: यूपी चुनाव के दौरान सपा, कांग्रेस, अखिलेश यादव और मायावती के नामों के पहले अक्षर को मिला स्कैम यानी घोटाला शब्द गढ़ा।

– BHIM: भारत इंटरफेस फॉर मनी। डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर बना एप।

– VIKAS: यूपी चुनाव में ही मोदी ने विद्युत, कानून और सड़क को मिलाकर विकास बना दिया।

– ABCD: कांग्रेस पर तंज कसने के लिए आदर्श, बोफोर्स, कोयला और दामाद शब्द को मिलाकर एबीसीडी का ककहरा समझाया।

मोदी सामने देख बोल रहे हों तो समझ लीजिए वह बिना पढ़े भाषण दे रहे है

पीएम लिखे हर बिंदु को भाषण में बोलेंगे, ऐसा जरूरी नहीं है। उनके साथ टीम में काम करने का अनुभव साझा करने वाले एक युवा पेशेवर बताते हैं, ‘पीएम जब सामने देखकर बोल रहे हों तो समझ लीजिए कि वह बिना पढ़े भाषण दे रहे हैं। उनके दाएं-बाएं देखने का मतलब कि वह टेलीप्रॉम्पटर पर देखकर भाषण दे रहे हैं।

(साभार: दैनिक भास्कर)