जाने क्या है ज्योतिष शास्त्र

ज्योतिष शास्त्र भविष्य जानने की वह विधा है जो गणित और फलित दो भागों में विभक्त है! कुण्डली पर विस्तार से फलादेश करने के लिए गणित ज्योतिष का उपयोग किया जाता है , जिसमें आकाशीय ग्रह- नक्षत्रों की गणना की जाती है! इससे भूतकाल , भविष्य काल और वर्तमान काल की घटनाओं के बारे में बताना आसान होता है! घटनाओं को सही रूप में बताने के लिये प्रसिद्ध जातक ग्रंथों का सहारा लिया जाता है, जिसमें भृगु संहिता, वारद संहिता, वाराही संहिता, वरुण संहिता, सूर्य संहिता, मानसागरी, जातकालंकार, जातक दीपक, फल दीपिका, चमत्कार चिंतामणि आदि हैं!
ज्योतिष शास्त्र में भृगु संहिता को सबसे ऊँचा स्थान प्राप्त है, जिसकी रचना महर्षि भृगु ने की थी, ये एक विशाल ग्रंथ था !





एैसी मान्यता है कि इसमें इस धरती पर जन्म लेने वाले हर व्यक्ति के समस्त जीवन का लेखा-जोखा लिखा है ! परंतु समय के साथ अब इस विशाल ग्रंथ के कुछ हिस्से ही बचे हैं ! असली भृगु संहिता संभवतः अब उपलब्ध नहीं है!
भृगु संहिता की नकल बना कर कई ज्योतिष भविष्यवाणी करने की कोशिश करते हैं, जिसके पुर्ण रुप से सही होने पर संदेह बना रहता है !
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