मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व का उद्घाटन, कहां आयुर्वेद में सभी बीमारी दूर करने की क्षमता

Bihar Patna[mithilanchalnews.in]:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के ज्ञान भवन में आयोजित छठे आयुर्वेद पर्व के उद्घाटन समारोह में कहां की चुकी उनके पिता आयुर्वेद से जुड़े हुए थे इसलिए वह बचपन में खुद भी पूरिया बनाया करते थे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनके पिता मरीजों को खुद दवा देते थे . जब वे शाम को स्कूल से वापस लौटते थे तो अपने पिताजी की मदद पुड़िया बांधने में करते थे मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बचपन में बहुत ही अच्छी पूरियां बांधते जो फेंकने पर भी नहीं खुलती थी.

मुख्यमंत्री ने बिहार में तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व आयोजित होने पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे आयुर्वेद से जुड़े लोगों को बहुत लाभ प्रदान होगा.

उन्होंने कहा कि भारत में आयुष मंत्रालय बना है, यह अच्छी बात है, जिसमें आयुर्वेद, यूनानी जैसी अनेक देशी और पुरानी चिकित्सा पद्धतियों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए शामिल किया गया है ताकि उसका उपयोग हो सके।



मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों के यहाँ आयुष चिकित्सक बड़ी संख्या में कार्यरत हैं। बचपन से ही व्यक्तिगत एवं भावनात्मक रूप से आयुर्वेद से हमारा संबंध है। उन्होंने कहा कि हमारे पिताजी पटना राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोडक्ट थे, जो उसके शासी निकाय से भी जुड़े रहें, उनका रिश्ता स्वतंत्रता संग्राम से रहा और कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद अद्भूत विज्ञान है, यह मैं बचपन से ही जानता हूँ। बचपन में मैं देखता था कि पिताजी नब्ज पकड़कर ही तकलीफ बताते थे, इसमें कफ, पित्त और नाड़ी के संतुलन का अध्ययन करके इलाज किया जाता है। आयुर्वेद में इलाज का यही मूल तरीका है।

उन्होंने कहा कि अगर कफ, पित्त और नाड़ी में संतुलन है तो फिर आप स्वस्थ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद का बिहार की भूमि से बड़ा पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग असहजता महसूस करते हैं कि एलोपैथ वाले डॉक्टर कहलाते हैं और हजारों वर्ष पुरानी चिकित्सा प्रणाली वाले वैद्य। ऐसी फीलिंग मन से निकाल देनी चाहिए और मजबूती का एहसास होना चाहिए क्यांकि एलोपैथ में इलाज से थकने के बाद लोग आयुर्वेद का सहारा लेते हैं इसलिए आपमें ज्यादा दम है।

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