पिता के डर से खुद रचा अपहरण का नाटक

दरभंगा । बहादुरपुर थाना क्षेत्र के वाजितपुर से युवक के अपहरण का मामला झूठा निकला। उसने खुद अपने अपहरण का नाटक रचा था। पुलिस ने उसे सीतामढ़ी शहर के राजपति होटल में बरामद कर मामले का उछ्वेदन कर दिया। डीएसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि वाजितपुर गांव के रामकृपाल यादव ने अपने पुत्र अरुण यादव के अपहरण की प्राथमिकी 7 अप्रैल को दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में कहा गया कि वह 6 अप्रैल से लापता है। वह अपने घर से दोनार स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से 50 हजार रुपये निकालने गया था। पासबुक व आधार कार्ड भी ले गया था। लेकिन, वह देर शाम तक वापस नहीं आया। इससे उसके परिजनों में परेशानी बढ़ गई और उसकी खोजबीन में सभी लग गए। देर रात तक वह नहीं लौटा। इसके बाद रात के तीन बजे मझले पुत्र के व्हाट्सएप पर मैसेज आया। जिसमें यह लिखा था कि तुम्हारा भाई ठीक है। अभी वह नशे में है। कल शाम तक वह लौट जाएगा। इसके बाद एक मैसेज फिर आया। जिसमें लिखा था कि हम जान नहीं मारते हैं, रुपया लेते हैं। मैसेज देख परिजन और परेशान हो गए। अपरण मामले को लेकर थाने में अज्ञात के खिलाफ कांड संख्या 139-18 दर्ज कराया। डीएसपी श्री अहमद ने बताया कि पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया। इसके लिए तकनीकी सेल सहित एएसआई जितेंद्र ¨सह को शामिल कर एक टीम बनाई गई। वैज्ञानिक अनुसंधान से पता चला कि अरुण सीतामढ़ी में है। वहां उसका लोकेशन एक होटल का मिला। जब पुलिस ने वहां छापेमारी की तो वह होटल के रिसेप्शन काउंटर के एक सोफा सेट पर बैठकर मोबाइल पर चै¨टग कर रहा था। हालांकि, पुलिस को देख वह घबरा गया और बताया कि हम अभी नशे में हैं। लेकिन, होटल संचालक से जब पूछताछ की गई तो पता चला कि वह 6 अप्रैल को यहां आया और एक कमरा अपने नाम से बुक कराया। डीएसपी ने बताया कि उसके मोबाइल को जब खंगाला गया तो उस मोबाइल में वहीं सिम पाया गया जिससे अपहरण जैसी वारदात का मैसेज किया गया था। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके छोटे भाई की शादी 16 अप्रैल को होने वाली है। पिताजी से खरीदारी के लिए दस हजार रुपये दिए थे। जो खर्च कर दिए। रुपये नहीं रहने के कारण वह डर गया । इसके बाद वह अपने अपहरण का नाटक रचा। घर से पासबुक आदि लेकर छिपलिया स्थित किराना दुकान पहुंचा। वहां अपना मोबाइल छोड़ दिया और अपने दोस्त पवन महतो का मोबाइल जो उ दुकान में चार्ज होने के लिए लगाया था उसे लेकर चल दिया। उसी नंबर से अपने अपहरण होने की बात बताई। पूछताछ में उसने बताया कि वह खुद वापस हो जाता और अपने परिजन को कहता कि जो उनके पास रुपये थे, उसे अपहरणकर्ता ने ले लिया।