क्या फर्क होता है घुसपैठिया, शरणार्थी, अप्रवासी में ?

असम में घुसपैठियों के ऊपर आए एनआरसी(NRC) के अंतिम ड्राफ्ट के बाद जहां देश की राजनीति मे हलचल तेज हो गई है. जहां पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं, इसी बीच आज हम आपको बताते हैं क्या फर्क होता है घुसपैठिया शरणार्थी और अप्रवासी मे ????????.

पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाने के बीच यह भूल जाते हैं, कि अवैध घुसपैठियों, शरणार्थी और अप्रवासी के बीच अंतर होता हैं. और एक तरह से यह भ्रम फैलाते हैं कि जैसे कि यह सब एक ही हो। लेकिन ऐसा नहीं है घुसपैठिया, शरणार्थी और अप्रवासी यह तीनों अलग-अलग शब्द है, और उनके मायने भी अलग-अलग हैं।



आइए आपको बताते हैं इन तीन शब्दों का सही मतलब। अप्रवासी वह लोग होते हैं, जो दूसरे देश में वैध कागजात के साथ जाते हैं और कानूनी प्रक्रिया से नागरिकता हासिल करते हैं।

शरणार्थी वह लोग होते हैं. जो अपने देश में अत्याचार से भागे हुए होते हैं और दूसरे देश में कानूनी प्रक्रिया के तहत शरण लेते हैं।

अवैध घुसपैठिया वह लोग होते हैं जो चोरी छुपे किसी दूसरे देश में आकर गैर कानूनी ढंग से बस जाते हैं।

भारत जैसे लचर सिस्टम वाले देश में अवैध घुसपैठियों बाद में आसानी से सरकारी कागजातों में अपना नाम दर्ज करा लेते हैं ,और आसानी से इस देश के नागरिक बन जाते हैं।

हम आपको भारत में शरणार्थी और घुसपैठियों का आंकड़ा भी बता देते हैं। एक अनुमान के अनुसार भारत में करीब दो लाख अफगान शरणार्थी हैं। करीब 200000 पाकिस्तानी हिंदू सिख शरणार्थी हैं। वहीं भारत में करीब डेढ़ लाख श्रीलंकाई तमिल शरणार्थी निवास करते हैं। वहीं करीब 1 लाख 20 हजार के करीब तिब्बती शरणार्थी हैं। वही 50000 चकमा शरणार्थी है जिन्हें भारत की नागरिकता मिल चुकी है।

वहीं अगर हम घुसपैठियों की बात करें तो भारत में करीब 2 करोड़ बांग्लादेशी अवैध घुसपैठिए हैं जो सबसे अधिक बंगाल और असम में निवास करते हैं , इसके अलावा यह देश के अलग-अलग हिस्सों में हैं।

करीब 40000 रोहिणीया अवैध घुसपैठिए हैं जो जम्मू कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों में निवास करते हैं।

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