अपने प्रस्ताव में कुंबले ने कहा, कोच को कप्तान की फीस का 60 प्रतिशत हिस्सा मिले

नई दिल्ली:भारत के पूर्व मुख्य कोच अनिल कुंबले ने अनुबंधों के पुनर्गठन को लेकर बीसीसीआई को जो 19 पन्ने का प्रस्ताव दिया था, उसमें वेतन को सबसे अधिक तरजीह दी गई थी और उन्होंने मांग की थी कि मुख्य कोच की कमाई कप्तान की अनुमानित कमाई का 60 प्रतिशत होनी चाहिए। दस्तावेज में साथ ही आईपीएल से राष्ट्रीय कोचों की कमाई का समर्थन किया गया था, जिससे कि उनकी आय में इजाफा होगा लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह ‘हितों का टकराव’ है या नहीं।

BCCI के एक अधिकारी ने कहा था मुद्दे प्रासंगिक हैं

कुंबले ने 11वें पन्ने के नौवें बिंदु में एनेबलर्स के लिए दिशानिर्देश में लिखा है,’ खिलाड़ियों को आईपीएल विंडो के दो महीने के दौरान अनुबंध से बाहर रखा जाता है. इसी तरह कोचों को भी अनुबंध से बाहर रखने की जरूरत है जिससे कि वह आईपीएल का हिस्सा बन सकें इससे उनकी आय में इजाफा हो सकेगा और उन्हें अधिक अनुभव मिलेगा, विशेषकर टी20 मैचों में.’कुंबले के प्रस्ताव का अध्ययन करने वाले बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि मुद्दे प्रासंगिक हैं, लेकिन आईपीएल पर उनका प्रस्ताव उसके विपरीत है जो गुहा ने अपने पत्र में लिखा था. अगर हम गुहा के लिखे मुताबिक चलते हैं तो अनिल ने जो मांग की है वह हितों के टकराव का स्पष्ट मामला है.

कुंबले ने साथ ही सुझाव दिया था कि खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध का 20 प्रतिशत हिस्सा ‘वैरिएबल पे’ होना चाहिए, जो उनके ‘फिटनेस स्तर’ पर आधारित हो। मीडिया कुंबले के इस प्रस्तुतिकरण की प्रति मिली है, जो उन्होंने 21 मई को आईपीएल फाइनल के दौरान प्रशासकों की समिति (सीओए) को सौंपा था।’ भारतीय क्रिकेट टीम से जुड़े लोगों के वेतन और अनुबंध का पुनर्गठन’ शीर्षक वाले इस दस्तावेज के 12वें पन्ने में कुंबले ने सहायक स्टाफ के वेतन में इजाफे का प्रस्ताव दिया है।

admin