चीनी सेना का भारत को चेतावनी , दोकलाम से तुरंत वापस जाये भारत,बर्दाश्त की हद खत्म होने की ओर

चीन ने कहा है कि उसने सिक्किम क्षेत्र में भारत के साथ लंबे समय तक सैन्य गतिरोध पर “बेहद सयम ” दिखाया है लेकिन  अब चेतावनी देते हुए कहा है कि अब “संयम” की सीमा की हद खत्म होने की ओर है।

चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता और पीएलएन के कर्नल रेन गुओकियांग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन ने गुडविल दिखाते हुए इस मामले पर अभी कूटनीतिक हल का रास्ता अपनाया है. लेकिन इसकी भी एक सीमा है और संयम खत्म होने की ओर है.

भारत का क्या है स्टैंड?

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले महीने दोखलाम इलाके में एक महीने के लंबे समय तक विरोध के बारे में स्पष्ट रूप से भारत की स्थिति स्पष्ट कर दी थी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को पहले किसी भी वार्ता के लिए अपने सैनिकों को दोकलाम से  वापस बुला लेना चाहिए, भारत शांतिपूर्ण प्रस्ताव का समर्थन करता हैँ। बिना सैनिक बुलाये वार्ता  संभव ही नहीं है.

चीनी सैनिकों ने भूटान के के निकट सड़क का निर्माण शुरू होने के बाद 16 जून को भारतीय सैनिक और चीनी सैनिक भीड़ गए थे। तभी साई गतिरोध की शुरूआत हुई, दोकलाम पर भारत का कहना है कि क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने के लिए बीजिंग ने एकतरफा कार्रवाई की है। जबकि डोकलमा विवादित एरिया है जिस पर भूटान भी दावा कर रहा है .

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने उल्टे भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत को इस भ्रम से खुद को निकाल देना चाहिए कि देर करने से डोकलाम समस्या का हल हो जाएगा. धमकी देते हुए चीनी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि चीन की जमीन को कोई भी देश ले नहीं सकता. चीनी सेना अपने भूभाग और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है.

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