विकास के पथ पर दौड़ चला बिहार, सब्जी उत्पादन में देश में हुआ अव्वल

बिहार एक बार फिर से विकास के रास्ते पर दौड़ चला है। बजट पेश करने से पहले विधानसभा में उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी की ओर से सदन के पटल पर रखी गई वर्ष 2017-18 के आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से यह बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में पिछले वर्ष विकास दर 10.3 प्रतिशत रही जो देश की औसत विकास दर 7 प्रतिशत से अधिक है। प्रति व्यक्ति आमदनी भी एक साल में 0.8 प्रतिशत बढ़ी है।



वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी और अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता ने स्वीकार किया कि बिहार की यह विकास दर मूल रूप से पिछले कुछ वर्षो में राज्य सरकार द्वारा पूंजीगत विकास पर किए गए खर्च का परिणाम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विकास की इस मजबूत नींव पर आगे निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इससे विकास की रफ्तार और तेज होगी।

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले साल अर्थात वर्ष 2015-16 में बिहार के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत थी। यह बढ़कर वर्ष 2016-17 में 10.3 प्रतिशत हो गई है। मतलब पिछले साल की तुलना में बिहार में करीब तीस प्रतिशत अधिक का विकास हुआ है, ग्रोथ रेट की बात करें तो इसमें 2.8 प्रतिशत का इजाफा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा क्षेत्र में ऊंची विकास दर के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था में ढांचागत बदलाव हुआ है। पिछले एक दशक में 2004-05 से 2014-15 के बीच स्थिर मूल्य पर राज्य में औसत 10.1 प्रतिशत की दर से विकास हुआ है। यह विकसित राज्यों में विकास की रफ्तार से कहीं अधिक है।

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि पांच साल के दौरान बिहार में सर्वाधिक विकास खनन क्षेत्र में 67.5 प्रतिशत रहा। मैन्यूफैक्चरिंग में 25.9 प्रतिशत और परिवहन भंडारण और संचार के क्षेत्र में 13.5 प्रतिशत विकास हुआ है।

             ————————————————-mithilanchalnews————————————————————–
फटाफट ख़बरों के लिए हमे फॉलो करें फेसबुकट्विटर, गूगल प्लस पर..

Read all latest  headlines in Hindi. Also don’t miss today’s Hindi News.

admin