पद्मावती विवाद: राजपूत नेता ने रखा भंसाली के सिर पर पांच करोड़ का इनाम

फिल्म ‘पद्मावती’ के खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही प्रदेश में कानून-व्यवस्था के लिए संकट खड़ा होने का अंदेशा जताया है. राज्य सरकार ने सेंसर बोर्ड से भी अनुरोध किया है कि कोई भी फैसला लेने से पहले जनभावनाओं का ख्याल रखे. ऐसे में अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है. आजतक के मुताबिक मेरठ में एक राजपूत नेता ने संजय लीला भंसाली के खिलाफ फरमान जारी कर दिया है. उसने कहा है कि जो भंसाली का सिर काट कर लाएगा उसे पांच करोड़ इनाम मिलेगा. इतना ही नहीं श्री राजपूत करणी सेना के लोकेन्द्र सिंह ने ऐलान किया कहा कि अगर 1 दिसंबर को पद्मावती रिलीज की जाएगी तो राजपूत संगठन भारत बंद का आयोजन करेंगे. रिलीज के दिन हम देशभर में रैलियां करेंगे.

आपको बता दे कि फिल्म पद्मावती के खिलाफ हर तरफ गुस्सा देखा जा रहा है. भंसाली इस वक्त विभिन्न समूहों और उनकी शैली के विशेषज्ञों के गुस्से का सामना कर रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि भंसाली ने राजपूत महारानी, रानी पद्मावती का गलत चित्रण किया है. फिल्म की शूटिंग के दौरान ही देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न स्थानों पर भंसाली के खिलाफ हिंसा और फिल्म के खिलाफ विरोध देखा गया था और अब यह जल्द ही दुनिया भर में रिलीज के लिए तैयार है.




राजस्थान राज्य महिला आयोग की प्रमुख सुमन शर्मा ने एक पत्र में सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी से फिल्म देखने और फिल्म के माध्यम से महिलाओं की गरिमा पर कोई हमला नहीं होने का अनुरोध किया है. शर्मा ने राजपूत समुदाय की महिलाओं को फिल्म की पूर्व स्क्रीनिंग में शामिल किए जाने की मांग की है. उन्होंने दीपिका पादुकोण के उस बयान कि ‘फिल्म की रिलीज को कुछ भी नहीं रोक सकता’ भड़काऊ बताया.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजस्थान इकाई के प्रमुख अशोक परनामी ने मीडिया से कहा कि वसुंधरा राजे सरकार ऐतिहासिक तथ्यों की किसी भी तरह की विकृति को बर्दाश्त नहीं करेगी. छत्तीसगढ़ के रजवाड़े दिलीप सिंह जुदेव की बहू हिना सिंह जुदेव ने फिल्म में राजपूत रानी के चित्रण पर असंतोष व्यक्त किया. ‘घूमर’ गीत में फिल्म की मुख्य अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का संकेत देते हुए उन्होंने कहा, “इतिहास गवाह है कि कोई भी राजपूत महारानी कभी किसी के सामने नाची नहीं है और वह इतिहास के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं.” इससे पहले, सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया था.