LIVE: ‘मन की बात’ में मोदी ने किया इमरजेंसी का जिक्र, पढ़ी अटल बिहारी की कविता

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के दूसरे पड़ाव में आज अमेरिका पहुंच गये हैं. जहां उनका गर्मजोशी के साथ स्‍वागत किया गया. अमेरिका में मोदी-मोदी के नारे भी लगाये गये. इधर पीएम मोदी आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले मन की बात कार्यक्रम के जरिये देश की जनता को संबोधित कर रहे हैं.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को रथ यात्रा की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा, भगवान जगन्‍नाथ गरीबों के देवता हैं. भगवान जन्नाथ रथ यात्रा के शुभअवसर पर देश के तमाम जनता को शुभकामनाएं और भगवान जगन्नाथ के श्रीचरणों में मेरा प्रणाम. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रमजान की चर्चा करते हुए कहा कि यह रमजान का पवित्र महीना है. भारत विविधताओं में एकता का देश है.

 

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मैं इस अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं.

पीएम मोदी ने यूपी के मुबारकपुर का जिक्र किया. यहां ग्रामीणों ने मिलकर शौचालय बनाने का फैसला किया था. लोगों ने सरकार को 17 लाख रुपये लौटाए थे. पीएम मोदी ने कहा, मैं खुले में शौच से मुक्त हुए पांच राज्यों के प्रशासन और जनता को धन्यवाद देता हूं. स्वच्छता की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज स्वच्छता एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि जन आंदोलन बन गया है.

 

 

मोदी का यह 33वां मन की बात कार्यक्रम है. पिछली बार पीएम ने अपने 32वें मन की बात में कहा था कि कोई वीआईपी नहीं, देश के सभी लोग महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने देश में वीआईपी संस्कृति की जगह ‘ईपीआई’ (एवरी पर्सन इज इंपॉरटेंट) संस्कृति को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा था कि लाल बत्ती का चलन खत्म हो गया है, लेकिन लाल बत्ती वाली सोच को खत्म करना जरूरत है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश का हर नागरिक समान रूप से महत्वपूर्ण है.

 

इमरजेंसी के दौरान अखबारों को बेकार कर दिया गया. 25 जून, 1975 की रात भारतीय लोकतंत्र के लिए काली रात थी. इमरजेंसी के दौरान अटलजी जेल में थे. उस रात को कोई भारतवासी, कोई लोकतंत्र प्रेमी भुला नहीं सकता. एक प्रकार से देश को जेलखाने में बदल दिया गया था. विरोधी स्वर को दबोच दिया गया था. जयप्रकाश नारायण सहित देश के गणमान्य नेताओं को जेलों में बंद कर दिया था. न्याय व्यवस्था भी आपातकाल के उस भयावह रूप की छाया से बच नहीं पाई थी. पीएम मोदी ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता भी पढ़ी, जो उन्होंने उस दौर में लिखी थी.

 प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘एक बरस बीत गया’ की चर्चा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘एक बरस बीत गया’ की चर्चा की. मोदी ने पूरी कविता का पाठ किया.

झुलासाता जेठ मास

शरद चांदनी उदास

सिसकी भरते सावन का

अंतर्घट रीत गया

एक बरस बीत गया

सीकचों मे सिमटा जग

किंतु विकल प्राण विहग

धरती से अम्बर तक

गूंज मुक्ति गीत गया

एक बरस बीत गया

पथ निहारते नयन

गिनते दिन पल छिन

लौट कभी आएगा

मन का जो मीत गया

एक बरस बीत गया

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